Bihar Land Survey:बिहार भूमि सुधार और राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने घोषणा की है कि भूमि सर्वेक्षण का समय 31 मार्च के बाद कुछ दिनों के लिए बढ़ाया जाएगा। लोग इस अवधि के दौरान ऑनलाइन या ऑफलाइन स्व-घोषणा भी कर सकते हैं। मंत्री ने आम लोगों से अपील की है कि वे जमीन के सभी दस्तावेज जमा कराएं।
Patna: बिहार के लोगों के लिए एक खुशखबरी है। भूमि सर्वेक्षण की अंतिम तिथि कुछ दिनों के लिए बढ़ाए जाने की तैयारी है। भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने यह जानकारी दी है। जिन लोगों ने अभी तक जमीन का सर्वे नहीं कराया है, वे यह काम कुछ और दिनों तक कर सकते हैं। हालांकि, अंतिम तिथि 31 मार्च ही रहेगी, लेकिन पोर्टल कुछ दिनों तक चालू रहेगा। लोग अब ऑनलाइन या ऑफलाइन स्व-घोषणा कर सकते हैं।

बिहार भूमि सर्वेक्षण: एक नजर (Bihar Bhumi Survey: An Overview)
विवरण | जानकारी |
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योजना का नाम | बिहार भूमि सर्वेक्षण |
पोर्टल का नाम | बिहार भूमि पोर्टल |
अस्थायी बंदी की तारीख | 21 फरवरी 2025 तक (date Extende) |
उद्देश्य | जमीन विवादों का समाधान और डिजिटल रिकॉर्ड |
लाभार्थी | बिहार के सभी नागरिक |
प्रबंधन विभाग | राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग |
तकनीकी सहायता | आधुनिक डिजिटल तकनीक |
बिहार भूमि सर्वेक्षण क्या है? (What is Bihar Land Survey?)
बिहार भूमि सर्वेक्षण एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य राज्य में भूमि स्वामित्व और रिकॉर्ड को साफ करना है। यह काम नई तकनीकों का इस्तेमाल करके किया जा रहा है ताकि जमीन के नक्शे और रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखा जा सके। इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य जमीन संबंधी विवादों को कम करना और हर चीज में पारदर्शिता लाना है। इस प्रक्रिया में भूमि की माप, स्वामित्व और अन्य आवश्यक दस्तावेजों को अपडेट किया जाता है।
- जमीन की माप और सीमांकन: हर जमीन के टुकड़े की सही माप और सीमांकन करना.
- डिजिटल रिकॉर्ड: सभी जमीनों का डिजिटल रिकॉर्ड बनाना, ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो.
- पारदर्शिता: जमीन की खरीद-बिक्री में पारदर्शिता लाना.
- सरकारी योजनाओं का लाभ: सही मालिक का पता लगाकर लोगों को सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाना.
बिहार भूमि सर्वेक्षण का उद्देश्य (Objective of Bihar Land Survey)
बिहार भूमि सर्वेक्षण का मुख्य लक्ष्य राज्य में भूमि संबंधी विवादों को खत्म करना और पारदर्शिता लाना है। इसके अलावा, इस योजना के कुछ अन्य उद्देश्य हैं:
- जमीन की सही माप और सीमांकन सुनिश्चित करना.
- सभी जमीनों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना, ताकि भविष्य में किसी तरह का विवाद न हो.
- जमीन की खरीद-बिक्री में पारदर्शिता लाना.
- सही मालिक का पता लगाकर लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना
बिहार भूमि सर्वेक्षण से जनता को होने वाले फायदे (Benefits of Bihar Land Survey for the Public)
इस योजना से लोगों को कई तरह के फायदे होंगे:
- जमीन के झगड़े कम होंगे.
- जमीन खरीदने और बेचने का प्रोसेस आसान हो जाएगा.
- सरकारी योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचेगा.
- सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन मिलेंगे, जिससे समय बचेगा.
- भ्रष्टाचार कम होगा.
जमीन सर्वे में आ रही दिक्कतें (Jamin Survey mein aa rahi dikkaten)
जमीन सर्वे के काम में कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं:
- सर्वर की समस्या: ऑनलाइन दस्तावेज जमा करने में सर्वर की समस्या आ रही है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है.
- तकनीकी ज्ञान की कमी: कई लोगों को ऑनलाइन प्रक्रिया की जानकारी नहीं है, जिससे उन्हें शिविरों में जाना पड़ रहा है.
- दस्तावेजों की कमी: कुछ लोगों के पास जरूरी दस्तावेज नहीं हैं, जिससे उन्हें स्वघोषणा करने में दिक्कत हो रही है.
- जागरूकता की कमी: कई लोगों को जमीन सर्वे के बारे में पूरी जानकारी नहीं है, जिससे वे इसमें भाग लेने से हिचकिचा रहे हैं.
बिहार भूमि सर्वे: स्वघोषणा की अंतिम तिथि
बिहार में भूमि सर्वेक्षण के दूसरे चरण में स्व-घोषणा की अंतिम तिथि मार्च 2025 है। यह स्व-घोषणा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से की जा सकती है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भूमि सर्वेक्षण को लेकर जरूरी गतिविधियों के लिए समयसीमा तय करना शुरू कर दिया है।
जमीन सर्वे को लेकर मंत्री की अपील
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपने जमीन के सभी दस्तावेज जल्द से जल्द पोर्टल पर ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा करें। उन्होंने यह भी कहा कि जिनके पास कम पेपर हैं, वे उतने ही पेपर के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। बाकी कागजात भी बाद में जमा किए जा सकते हैं।
31 मार्च के बाद भी जमीन सर्वे
मंत्री संजय सरावगी ने यह नहीं बताया कि यह सुविधा कब तक जारी रहेगी। लेकिन, जिन लोगों का किसी कारणवश सर्वे नहीं हुआ है, वे पोर्टल खुलने का लाभ उठा सकते हैं। मंत्री संजय सरावगी ने कहा, ‘जिन लोगों ने सर्वे का काम नहीं कराया है, उनके लिए 31 मार्च की डेडलाइन अब कुछ दिनों के लिए बढ़ाई जा सकती है। इसका मतलब है कि जिन लोगों ने सर्वे का काम पूरा नहीं किया है, उनके लिए 31 मार्च की अंतिम तिथि कुछ दिनों के लिए बढ़ाई जाने वाली है।
जमीन सर्वे से किसान परेशान
मंत्री ने लोगों से यह भी कहा कि अगर कम कागज वाली जमीन का मालिक भी उतने ही कागज के साथ ऑनलाइन आवेदन करता है, तो बाकी कागज बाद में जमा किया जा सकता है। मतलब, अगर आपके पास जमीन के कागजात कम हैं, तो भी आप उतने ही कागजात के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। बाकी दस्तावेज बाद में जमा किए जा सकते हैं। यह उन लोगों के लिए बड़ी राहत है जो अभी तक किसी कारणवश अपनी जमीन का सर्वे नहीं करा पाए हैं। अब उनके पास कुछ और समय है। वे इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं और अपनी भूमि का सर्वेक्षण करवा सकते हैं।
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