फ़ोन पे और Google Pay की बढ़ी टेंशन! UPI लाया है नया सिस्टम, जानें
Google Pay, PhonePe Worried over new UPI Innovation: हाल ही में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया एक नया फीचर लेकर आया है। आइए जानते हैं खबर विस्तार से…भारत की ओर से नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन की ओर से यूपीआई प्लगइन सिस्टम की शुरुआत की जा रही है। सरकार का मकसद गूगल पे और फोनपे जैसे थर्ड पार्टी ऐप्स को ऑनलाइन पेमेंट के लिए छोड़ना है। इससे पेमेंट टाइम की समस्या भी दूर हो जाएगी। इस प्रणाली से धोखाधड़ी की संख्या में कमी आएगी। यूपीआई प्लगइन को मजबूत करने के लिए सरकार ने 30 फीसदी की कैप भी लगा दी है।
भारत से एक नई यूपीआई भुगतान प्रणाली शुरू की जा रही है। इसे नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन पेमेंट सिस्टम द्वारा यूपीआई प्लगइन सिस्टम के साथ पेश किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यूपीआई प्लान देश में ऑनलाइन पेमेंट को पूरी तरह से बदल देगा। हालांकि भारत
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नई दिल्ली. देशभर में UPI का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है. लेकिन अब तक इस पर फोनपे और गूगल पे जैसे पेमेंट्स ऐप का एकाधिकार बना हुआ है. इस मोनोपोली को खत्म करने के लिए अब नया यूपीआई पेमेंट सिस्टम पेश किया जा रहा है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की तरफ से पेश किए जाने वाले इस फीचर को यूपीआई प्लगइन (UPI Plugin) सिस्टम कहा जा रहा है.
क्या है यूपीआई प्लगइन सिस्टम?
ऑनलाइन पेमेंट में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए यूपीआई प्लगइन सिस्टम लाया जा रहा है। वर्तमान में, जब आप ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं, तो आपको भुगतान के लिए Google Pay या फोनपे जैसे तृतीय-पक्ष ऐप पर स्थानांतरित कर दिया जाता है।
वहीं पेमेंट के दौरान यह कई बार बीच में ही अटक जाता है। अब यूपीआई प्लगइन सिस्टम शुरू होने से ऑनलाइन पेमेंट के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स की जरूरत नहीं होगी। इसमें आप किसी भी ऑनलाइन पेमेंट के लिए वर्चुअल पेमेंट एड्रेस का इस्तेमाल कर आसानी से पेमेंट कर सकेंगे।
Phonepe और Google Pay क्यों लाया जा रहा है नया फीचर?
इस समय ऑनलाइन पेमेंट सेक्टर में प्राइवेट कंपनियों के ऐप जैसे गूगल पे और फोनपे आदि का दबदबा है। ऑनलाइन यूपीआई भुगतान में फोनपे की हिस्सेदारी 47 प्रतिशत है।
वहीं, गूगल पे 33 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा 13 फीसदी पेमेंट पेटीएम से होता है। ऐसे में एक नया फीचर लाया जा रहा है ताकि यूपीआई पेमेंट सेक्टर पर एक-दो कंपनियां कब्जा न कर सकें।
कस्टमर्स को क्या होगा फायदा?
यूपीआई प्लगइन सिस्टम के आने से ऑनलाइन फ्रॉड की संख्या में कमी आने की उम्मीद है। वहीं बीच में अटकने की पेमेंट की समस्या भी खत्म हो जाएगी। इससे ऑनलाइन भुगतान में तेजी आएगी। माना जा रहा है कि यूपीआई प्लगइन से यूपीआई पेमेंट की संख्या बढ़ेगी।
सरकार का क्या है प्लान
मौजूदा ऑनलाइन यूपीआई भुगतान में फोनपे की हिस्सेदारी 47 प्रतिशत है। जबकि गूगल पे 33 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर है। जबकि पेटीएम 13 फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर है। सरकार की योजना है कि यूपीआई पेमेंट सेक्टर पर एक या दो कंपनियों का कब्जा न हो। इसके लिए सरकार ने 30 फीसदी की कैप का भी प्रावधान किया है।
निष्कर्ष – Kisan Vikas Patra 2023
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Source:- Internet
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