Mudra Gairola Success Story 2023: यह IAS खूबसूरती में देती हैं बॉलीवुड एक्ट्रेसेज को मात, डॉक्टरी छोड़कर IAS बनने का किया सपना पूरा, जाने
Mudra Gairola Success Story 2023: UPSC परीक्षा को दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। हर कोई इसे पास करने का सपना देखता है, लेकिन कुछ चुनिंदा लोग ही इसे पास कर सकते हैं। क्योंकि इसे पास करने के लिए दिन-रात मेहनत करनी पड़ती है।
इसके साथ ही लगभग हर विषय का ज्ञान होना भी जरूरी है। अगर कोई UPSC की परीक्षा पास कर लेता है तो आसपास के इलाके में उसके चर्चे शुरू हो जाते हैं। साथ ही, सफल उम्मीदवारों को उनकी रैंक और वरीयता के आधार पर IAS, IPS, IFS आदि पद आवंटित किए जाते हैं।
Mudra Gairola Success Story
इसी बीच आज हम आपको एक ऐसे ही अफसर की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की है। वह कोई और नहीं बल्कि उत्तराखंड की मुद्रा गैरोला है। उन्होंने 25 मई को आए UPSC रिजल्ट में 53वीं रैंक हासिल की है।
कर्णप्रयाग की रहने वाली मुद्रा की कहानी सभी विजेताओं से काफी अलग है क्योंकि मुद्रा ने MDS की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और UPSC की तैयारी पूरी तरह से शुरू कर दी।
क्योंकि उन्होंने अपने पिता के 50 साल पुराने सपने को पूरा किया।
बता दें कि मुद्रा ने इससे पहले भी UPSC 2021 की परीक्षा में 165वीं रैंक हासिल कर आईपीएस कैडर हासिल किया था। वह वर्तमान में हैदराबाद में सरदार वल्लभ भाई पटेल पुलिस अकादमी में IPS प्रशिक्षण ले रही हैं। इसी के साथ उन्होंने तैयारी जारी रखी और साल 2022 की परीक्षा में 53वीं रैंक हासिल कर पापा के सपने को पूरा किया।
मुद्रा UPSC की 2018 की परीक्षा में इंटरव्यू देने पहुंची थीं लेकिन फाइनल सिलेक्शन नहीं हो पाया था। फिर 2019 की कोशिश में मुद्रा ने फिर इंटरव्यू दिया। इस बार भी सफलता नहीं मिल सकी। मुद्रा 2020 UPSC Civil Services Exam में मुख्य चरण में पहुंची थीं।
अंतिम वर्ष 2021 की परीक्षा में, मुद्रा ने 165 वीं रैंक हासिल की। वह IPS बन गई। इस बार उनकी रैंक काफी बेहतर थी। शायद इस बार उन्हें अपनी पसंद की सेवा और कैडर दोनों मिलेगा। मुद्रा के पिता अरुण गैरोला का कहना है कि उनका सपना था कि उनकी बेटी IAS बने।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुद्रा के पिता अरुण भी सिविल सर्विसेज में जाना चाहते थे। अरुण ने साल 1973 में UPSC की परीक्षा दी थी। उस समय वह इंटरव्यू में बाहर थे। अरुण ने 1974 में फिर से परीक्षा दी। लेकिन बीमारी की वजह से वह इंटरव्यू नहीं दे पाए। अरुण का कहना है कि उनकी बेटी ने उनका सपना पूरा कर दिया है।
निष्कर्ष –Mudra Gairola Success Story 2023
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Source:- Internet
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