Supreme Court New Decision 2023 : सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, सरकारी कर्मचारियों को इतने दिन तक नहीं कर सकते सस्पेंड

Supreme Court New Decision 2023 : सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, सरकारी कर्मचारियों को इतने दिन तक नहीं कर सकते सस्पेंड

Supreme Court New Decision 2023 : न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की खंडपीठ ने एक लोक सेवक को लंबे समय तक निलंबित करने की प्रवृत्ति की आलोचना की और कहा कि निलंबन, विशेष रूप से आरोप तय करने की अवधि के दौरान, अस्थायी है और इसे छोटा किया जाना चाहिए।

Bestrojgar, New Delhi उच् चतम न् यायालय ने व्यवस्था दी है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को उसके खिलाफ आरोप पत्र के अभाव में 90 दिन से अधिक समय तक निलंबित नहीं किया जा सकता है क्योंकि ऐसे व् यक्ति को विभाग से सामाजिक आक्षेपों और उपहास का सामना करना पड़ता है।

Supreme Court New Decision 2023 : न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की खंडपीठ ने एक लोक सेवक को लंबे समय तक निलंबित करने की प्रवृत्ति की आलोचना की और कहा कि निलंबन, विशेष रूप से आरोप तय करने की अवधि के दौरान, अस्थायी है और इसे छोटा किया जाना चाहिए।न्यायाधीशों ने कहा कि यदि यह अनिश्चित काल के लिए है या इसका नवीनीकरण ठोस कारण पर आधारित नहीं है, तो यह दंडात्मक रूप ले लेता है

Supreme Court New Decision
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 कर्मचारियों को लेकर हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

Supreme Court New Decision 2023 : अदालत ने कहा, ‘ऐसी स्थिति में हम निर्देश देते हैं कि अगर इस अवधि के दौरान आरोपी अधिकारी या कर्मचारी को आरोपपत्र नहीं दिया जाता है तो निलंबन आदेश तीन महीने से अधिक नहीं होना चाहिए और यदि आरोप पत्र दिया जाता है तो निलंबन अवधि बढ़ाने के लिए विस्तृत आदेश पारित किया जाना चाहिए।

Supreme Court New Decision 2023 : शीर्ष अदालत ने यह आदेश रक्षा विभाग के संपदा अधिकारी अजय कुमार चौधरी की अपील पर दिया। चौधरी को कश्मीर में करीब चार एकड़ जमीन के इस्तेमाल के लिए कथित तौर पर गलत अनापत्ति प्रमाणपत्र देने के लिए 2011 में निलंबित कर दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि इस फैसले के आधार पर अधिकारी अपने निलंबन को चुनौती दे सकता है।

ये था पूरा मामला

Supreme Court New Decision 2023 : अदालत ने कहा कि जहां तक मामले के तथ्यों का सवाल है, आरोपपत्र अपीलकर्ता को दिया जा चुका है और इसलिए निर्देश बहुत प्रासंगिक नहीं हो सकता है। हालांकि, अगर अपीलकर्ता को कानून के तहत किसी भी तरह से अपने निरंतर निलंबन को चुनौती देने की सलाह दी जाती है, तो प्रतिवादी की कार्रवाई न्यायिक समीक्षा के अधीन होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला रक्षा विभाग के संपदा अधिकारी अजय कुमार चौधरी की अपील पर सुनाया। चौधरी को कश्मीर में करीब चार एकड़ जमीन के इस्तेमाल के लिए कथित तौर पर गलत अनापत्ति प्रमाणपत्र देने के लिए 2011 में निलंबित कर दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि इस फैसले के आधार पर अधिकारी अपने निलंबन को चुनौती दे सकता है।

निष्कर्ष – Supreme Court New Decision 2023

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nidhi Kumari मेरी दिलचस्पी शिक्षा और रोजगार के खबरों में ज्यादा है. इससे पहले मैंने अमर उजाला के लिए काम किया है.
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