Hartalika teej 2025:हरतालिका तीज भारत के प्रमुख व्रतों और त्योहारों में से एक है। यह पर्व खासकर महिलाओं का त्योहार माना जाता है, जिसमें सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति की लंबी आयु और वैवाहिक सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। वहीं अविवाहित कन्याएँ अच्छे वर की प्राप्ति हेतु इस व्रत का संकल्प लेती हैं।
हरतालिका तीज 2025: पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
🌸 हरतालिका तीज 2025 कब है?
इस वर्ष हरतालिका तीज मंगलवार, 26 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी।
तृतीया तिथि प्रारंभ: 25 अगस्त 2025 दोपहर 12:34 बजे
तृतीया तिथि समाप्त: 26 अगस्त 2025 दोपहर 01:54 बजे
👉 यानी पूजा और व्रत का मुख्य दिन 26 अगस्त 2025 रहेगा।
🌺 हरतालिका तीज 2025 का शुभ मुहूर्त
पूजा के लिए सबसे उत्तम समय सुबह का ब्रह्म मुहूर्त और प्रदोष काल माना गया है।
सुबह का शुभ मुहूर्त: 05:56 AM – 08:31 AM (लगभग 2 घंटे 35 मिनट)
अन्य मान्य समय: 06:01 – 08:34 AM / 06:06 – 08:36 AM (स्रोत अनुसार)
प्रदोष काल पूजा: यदि सुबह पूजा न कर सकें तो संध्या (शाम) का प्रदोष काल भी शुभ होता है।
🌿 हरतालिका तीज का व्रत विधि (Puja Vidhi)
हरतालिका तीज का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है क्योंकि इसे निरजल व्रत के रूप में रखा जाता है। आइए जानते हैं पूजा की संपूर्ण विधि:
सुबह की तैयारी
प्रातःकाल स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर और पूजा स्थल को साफ करें।
पूजा की प्रक्रिया
पूजा स्थल पर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मिट्टी या रेत से बनी प्रतिमा स्थापित करें।
कलश स्थापना करें और दीपक जलाएं।
सुहाग की सामग्री (चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, साड़ी, मेहंदी आदि) अर्पित करें।
बेलपत्र, धतूरा, आकड़े के फूल शिवजी को अर्पित करें।
माता पार्वती को श्रृंगार सामग्री, वस्त्र और मिठाई चढ़ाएं।
भोग लगाएँ – खासतौर पर खीर, पूरी, हलवा, आलू की सब्जी।
कथा सुनें/पढ़ें और परिवार के साथ आरती करें।
दिनभर व्रत रहकर रात में पूजा संपन्न होने के बाद ही व्रत का पारण करें।
महत्व और पौराणिक कथा
हरतालिका तीज का नाम दो शब्दों “हरत” (अपहरण) और “आलिका” (सखी) से बना है — यह पर्व उस समय की याद दिलाता है जब पार्वती जी को उनकी सखी ने पति की इच्छा के खिलाफ विवाह से बचाने के लिए जंगल में ले जाया था
देवी पार्वती का कठोर व्रत और तप देखकर शिवजी प्रसन्न हुए और उनका विवाह अनुमोदित किया गया — यह इस त्यौहार की मूल कथा है
यह पर्व महिलाओं के धैर्य, तपस्या, प्रेम, और सांस्कृतिक एकता को दर्शाता है
संक्षिप्त सारांश तालिका
विषय | विवरण |
---|---|
तिथि | 26 अगस्त 2025 (मंगलवार) |
तृतीया तिथि | 25 अगस्त 12:34 से – 26 अगस्त 13:54 तक |
शुभ मुहूर्त (सुबह) | 05:56 – 08:31 (लगभग 2:35 घंटे) |
व्रत | निरजल (खाना और पानी से वर्जित) |
पूजा विधि | स्नान, मूर्ति स्थापना, भोग, कथा, आरती आदि |
कथा (कहानी) | पार्वती का तप, सखी द्वारा अपहरण, शिवजी की कृपा |
महत्त्व | वैवाहिक सुख, साहस, भक्ति, सांस्कृतिक एकता |
💐 हरतालिका तीज का महत्व
यह व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है।
अविवाहित कन्याओं को उत्तम वर की प्राप्ति होती है।
परिवार में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
धार्मिक दृष्टि से यह पर्व भक्ति, संयम और तपस्या का प्रतीक है।
🌸 हरतालिका तीज पर बनने वाले विशेष व्यंजन
हरतालिका तीज पर व्रत के बाद कई पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं, जैसे:
पूरी और आलू की सब्जी
सूजी का हलवा
खीर
दही बड़े
गुजिया और मिठाइयाँ
🪔 हरतालिका तीज 2025 व्रत नियम
यह व्रत निरजल होता है – व्रती को न भोजन करना होता है न ही जल ग्रहण करना।
व्रत का संकल्प सुबह मुहूर्त में लेना चाहिए।
बिना कथा और पूजा के व्रत अधूरा माना जाता है।
पारण केवल पूजा और आरती के बाद करना चाहिए।
✨ हरतालिका तीज और सुहागिनों का श्रृंगार
इस दिन महिलाएँ पारंपरिक श्रृंगार करती हैं, जिसे सोलह श्रृंगार कहा जाता है। इसमें शामिल है:
मेहंदी
बिंदी
चूड़ी
पायल
बिछिया
सिंदूर
मांगटीका
साड़ी
गहने आदि
यह श्रृंगार सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
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हरतालिका तीज की कथा
Hartalika Teej 2025 Vrat Vidhi
📌 निष्कर्ष
हरतालिका तीज 2025 मंगलवार, 26 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन महिलाएँ निर्जल व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करेंगी। यह पर्व वैवाहिक जीवन की खुशहाली और सौभाग्य की प्राप्ति का प्रतीक है।
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