8th Pay Commission Implementation Date:आठवें वेतन आयोग की खबर से भारत सरकार के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। जनवरी 2025 में केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद, इस नए वेतन आयोग के 2026 या 2027 की शुरुआत में लागू होने की संभावना है। इस आयोग को केंद्रीय कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार लाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
हालांकि आयोग के सदस्यों की नियुक्ति और विस्तृत नियमों की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन इसकी चर्चा ने पूरी सरकारी मशीनरी में उत्साह का माहौल पैदा कर दिया है। जानकारों का मानना है कि इस वेतन आयोग से न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि महंगाई के बढ़ते प्रभाव से भी राहत मिलेगी। 7वां वेतन आयोग लागू होने के करीब 10 साल बाद नया आयोग कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही वेतन समस्या का समाधान करने जा रहा है।
फिटमेंट फैक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका
आठवें वेतन आयोग में वेतन निर्धारण का मुख्य आधार फिटमेंट फैक्टर होगा, जो वेतन गणना का वैज्ञानिक तरीका है। यह एक गुणांक है जिसका उपयोग कर्मचारियों के वर्तमान मूल वेतन को नए वेतन संरचना में बदलने के लिए किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिसकी वजह से मिनिमम बेसिक पे 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया गया था.
नए आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 होने की संभावना है, जो वर्तमान वेतन संरचना में व्यापक बदलाव लाएगा। इस गुणांक के आधार पर 18,000 रुपये का मौजूदा न्यूनतम मूल वेतन बढ़कर करीब 51,480 रुपये हो सकता है। यह वृद्धि महंगाई दर, जीवन स्तर में सुधार और अन्य आर्थिक कारकों को ध्यान में रखते हुए तय की गई है। हालांकि, भविष्य निधि, आयकर और अन्य कटौतियों को ध्यान में रखने के बाद वास्तविक टेक-होम राशि कुछ हद तक कम हो सकती है।