Mughal History: क्या मुगलों के जमाने में मनाया जाता था रक्षाबंधन? अकबर-जहांगीर को कौन बांधता था राखी?
Mughal History : हुमायूँ पहला मुगल बादशाह था जिसने रक्षाबंधन का त्यौहार मनाना शुरू किया था, अकबर और जहाँगीर के समय में भी राजदरबार में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाने लगा, शाहजहाँ के समय में इसमें कमी आई और औरंगज़ेब ने मुग़ल दरबार में रक्षाबंधन मनाने का निश्चय किया। परंपरा स्वयं समाप्त हो गई थी।
Mughal History : मुगल इतिहास में राजपूत रानी कर्णावती की ओर से सम्राट हुमायूं को राखी भेजने का उल्लेख मिलता है। कहा जाता है कि हुमायूं ने राजपूत बहन की राखी की लाज रखी थी। हुमायूं के चित्तौड़गढ़ पहुंचने से पहले रानी कर्णावती ने जौहर किया था, लेकिन हुमायूं ने चित्तौड़गढ़ के दुश्मन बहादुर शाह को युद्ध में हराकर किले को आजादी दिला दी।
इतिहासकारों का मानना है कि मुगल साम्राज्य में रक्षा बंधन हुमायूं आई राजपूत रानी कर्णावती की उस राखी के साथ मनाया जाता था। हुमायूं ही नहीं बल्कि बादशाह अकबर और तब मुगल बादशाह जहांगीर ने भी रक्षाबंधन बड़े धूमधाम से मनाया था और कलाई पर राखी भी बांधी थी।
रक्षाबंधन पर ऐसे बीतता था अकबर का दिन
Mughal History : अपने पिता हुमायूं की तरह अकबर भी रक्षाबंधन का त्योहार मनाते थे। इसका पहला कारण अकबर का राजपूत परिवार से संबंध था और दूसरा कारण यह था कि अकबर के दरबार में कई दरबारी हिंदू थे। जाने-माने इतिहासकार इरफान हबीब ने अपनी किताब में इस बात का जिक्र किया है कि अबकर ने रक्षा बंधन के दिन दरबार में राखी बांधने की परंपरा शुरू की थी। अकबर को राखी बांधने के लिए इतने लोग आते थे कि पूरा दिन राखी बांधने में ही निकल जाता था.
जहांगीर बंधवाता था आम लोगों से राखी
Mughal History : जहांगीर ने अकबर की ओर से दरबार में राखी बांधने की परंपरा को भी आगे बढ़ाया। खास बात यह थी कि अकबर सिर्फ दरबारियों के परिवार वालों को ही राखी बांधते थे, जबकि जहांगीर ने आम लोगों को भी राखी बांधने की परंपरा शुरू की थी। इस काल में अकबर के समय की तरह ही राजदरबार में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाने लगा।
औरंगजेब ने लगा दी थी त्योहार मनाने पर पाबंदी
Mughal History : जहाँगीर के बाद शाहजहाँ के समय में दरबार में रक्षाबंधन मनाने की परंपरा कम हो गई। औरंगजेब के शासनकाल में इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। 8 अप्रैल, 1969 को औरंगजेब ने एक आदेश जारी कर सभी हिंदू त्योहारों को मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया। यह आदेश उस समय औरंगजेब द्वारा शासित सभी 21 प्रांतों पर लागू था। औरंगजेब के दरबार से जुड़े साकी मुस्त खान ने मसीर-ए-आलमगिरी में इस आदेश का जिक्र किया है।
निष्कर्ष – Mughal History 2023
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Source:- Internet
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